वाष्पीकरण (Evaporation) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पानी या किसी अन्य द्रव में से मोलेक्यूलों की ऊर्जा बाहर निकलती है जिससे वे वायु में बदल जाते हैं।
जब एक द्रव की सतह से ऊपर की सतह तक का दबाव कम होता है, तो वाष्पीकरण शुरू हो जाता है। इस प्रक्रिया में द्रव के मोलेक्यूल ऊर्जा अधिकतम स्तर पर उत्सर्जित होते हैं।
वाष्पीकरण से ज्यादातर पानी की ऊपरी सतह से होती है जो तापमान, हवा की नमी और पानी की सतह क्षमता पर निर्भर करती है। इस प्रक्रिया से वायु में पानी के अलावा अन्य द्रव भी वाष्पीकरण के जरिए उत्सर्जित होते हैं।
इस तरह वाष्पीकरण एक प्रकार का गैसीकरण होता है, जिसमें एक द्रव वायु में बदल जाता है। यह द्रव तापमान और दबाव के आधार पर वायु में शामिल होता है और बाद में यह वाष्प जमा होकर बादल बन सकता है और वहाँ से बरस सकता है।
वाष्पीकरण का हमारे दैनिक जीवन में क्या उपयोग है ?
- कपड़ों या वस्तुओं को सुखाना: वाष्पीकरण का उपयोग कपड़ों और अन्य वस्तुओं को सुखाने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में पानी के मोलेक्यूल ऊर्जा बाहर निकलते हैं जो उन्हें सुखाने के लिए उपयोगी होती है।
- खाद्य बनाना: वाष्पीकरण का उपयोग खाद्य बनाने में भी किया जाता है। बहुत सारे खाद्य स्वयं वाष्पीकरण द्वारा बनते हैं, जैसे डिहाइड्रेटेड नूडल्स, सूप, फ्राइड राइस आदि।
- पानी को शुद्ध करना: वाष्पीकरण का उपयोग पानी को शुद्ध करने में भी किया जाता है। वाष्पीकरण द्वारा पानी से अनुषंगिक पदार्थों जैसे कि विषैले तत्वों या अन्य अशुद्धियों को हटाया जा सकता है।
- रसायनों का उत्पादन: वाष्पीकरण रसायनों के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वाष्पीकरण द्वारा पानी वाष्प के रूप में उत्पादित किया जाता है जो फिर अन्य रसायनों के साथ विशेष उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है।
- खाद्य उत्पादों का उत्पादन: धान जैसे खाद्य उत्पादों के उत्पादन में भी वाष्पीकरण का उपयोग होता है। धान की पकाई के लिए, धान को उबालकर पकाया जाता है जिससे पानी वाष्प के रूप में उत्पन्न होता है।