कंप्यूटर क्या है? | Computer kya hai?

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो डेटा और तथ्यों को संग्रहीत करता है, उन्हें प्रसंस्करण करता है और उपयोगकर्ता के द्वारा विनियमित कार्यों का समायोजन करने के लिए उन्हें उपयोग करता है। यह उपकरण मशीनों और सॉफ्टवेयर का उपयोग करता है जो डेटा को प्रसंस्करण और उपयोगकर्ता द्वारा अनुरोधित टास्क को पूरा करने के लिए अनुमति देते हैं।

कंप्यूटर में मूलतः दो प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक संचार युक्तियों का उपयोग किया जाता है, जिन्हें हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर कहा जाता है। हार्डवेयर उपकरणों, सामग्री और उपकरणों के समूह को संदर्भित करता है, जबकि सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ता द्वारा प्रयोग किया जाने वाले एप्लिकेशन और प्रोग्रामों को संदर्भित करता है।

कंप्यूटर के गुण (Characteristics of computer in hindi)

  1. गति: कंप्यूटर मशीन तथ्यों को बड़ी त्वरिता से प्रसंस्करण करते हैं। यह बड़ी जाँच और विशिष्ट विषयों के साथ बड़े मात्राओं में काम कर सकते हैं।
  2. सटीकता: कंप्यूटर बहुत ही सटीक होते हैं। इन्हें एक बार दिए गए निर्देशों के अनुसार काम करना होता है जो कि बिल्कुल सही होते हैं।
  3. धैर्यशीलता: कंप्यूटर बहुत उपयोगी होते हैं जब कुछ नया काम करना होता है जैसे कि नई सॉफ्टवेयर का बनावट या नया हार्डवेयर डिजाइन। इन्हें आसानी से अपडेट किया जा सकता है जो कि इसकी धैर्यशीलता का परिणाम है।
  4. अधिक मात्रा में काम करने की क्षमता: कंप्यूटर एक बड़ी मात्रा में डेटा को संग्रहीत करने और प्रसंस्करण करने की क्षमता रखते हैं। यह एक बड़े संख्या के लेन-देन और अनुरोधों को बिना किसी त्रुटि के पूरा कर सकते हैं।

कंप्यूटर (Computer) के मुख्य भाग

कंप्यूटर के मुख्य भाग निम्न हैं:

  1. सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit – CPU): CPU कंप्यूटर का मुख्य भाग होता है जो डेटा प्रसंस्करण करता है। CPU कंप्यूटर की सबसे महत्वपूर्ण उपकरण होती है जो कंप्यूटर के सभी तथ्यों को नियंत्रित करती है।
  2. मेमोरी (Memory): मेमोरी कंप्यूटर का दूसरा महत्वपूर्ण भाग होता है जो डेटा संग्रह करती है। यह कंप्यूटर एप्लिकेशन्स और तथ्यों को संग्रहित करने के लिए उपयोग की जाती है।
  3. इनपुट डिवाइस (Input Devices): इनपुट डिवाइस कंप्यूटर में डेटा एंटर करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, कुंजीपटल, माउस, स्कैनर और माइक्रोफ़ोन इनपुट डिवाइस के उदाहरण हैं।
  4. आउटपुट डिवाइस (Output Devices): आउटपुट डिवाइस कंप्यूटर द्वारा प्रसंस्कृत डेटा को दर्शाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, मॉनिटर, प्रिंटर, स्पीकर और हेडफ़ोन आउटपुट डिवाइस के उदाहरण हैं।

कंप्यूटर (Computer) के प्रकार

कंप्यूटर कई प्रकार के होते हैं जो निम्नलिखित हैं:

  1. डेस्कटॉप कंप्यूटर (Desktop Computer): यह कंप्यूटर सामान्यतया एक डेस्क पर रखा जाता है। यह प्रकार का कंप्यूटर व्यवसायों और घरेलू उपयोग के लिए बनाया गया है।
  2. लैपटॉप कंप्यूटर (Laptop Computer): यह कंप्यूटर आमतौर पर हल्का, सुविधाजनक और पोर्टेबल होता है। इसे आसानी से घर, कार्यालय या कहीं भी ले जाया जा सकता है।
  3. टैबलेट (Tablet): यह एक पोर्टेबल कंप्यूटर होता है जिसमें टचस्क्रीन डिस्प्ले होता है। यह बैटरी से चलने वाला होता है और कुछ मॉडल्स को खींच कर खोला जा सकता है।
  4. सर्वर (Server): सर्वर कंप्यूटर एक ऊँची क्षमता वाला कंप्यूटर होता है जो नेटवर्क की व्यवस्था के लिए उपयोग किया जाता है। यह डेटा संग्रहित करता है और वेबसाइट, एप्लिकेशन और सेवाओं को उपलब्ध कराता है।
  5. सुपरकंप्यूटर (Supercomputer): सुपरकंप्यूटर बड़ी संख्या के परिकलन कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है

प्रोग्रामिंग भाषा श्रेणी (Programming language category)

  1. High-level programming language (उच्च स्तर की प्रोग्रामिंग भाषा) – जो मानव-पठनीय होती हैं तथा प्रोग्रामर को उच्च स्तर की अनुभव से सम्पन्न बनाती हैं। इनमें प्रोग्रामर को प्रोग्रामिंग करते समय अपने सोचने के तरीकों के अनुसार प्रोग्राम लिखने का मौका मिलता है। उदाहरण: Python, Ruby, Java, C++, C#, PHP, JavaScript आदि।
  2. असेंबली-स्तरीय भाषा (Assembly language) एक मध्यस्थ स्तर की प्रोग्रामिंग भाषा है, जो किसी विशेष मशीन या सिस्टम पर काम करने वाले बहुत ही समीक्षात्मक तथा समारोही प्रोग्राम बनाने की ज़रूरत होने पर उपयोगी होती है। यह उन प्रोग्रामरों के लिए उपयोगी होती है, जो किसी विशेष उपकरण या सिस्टम पर काम करने वाले बहुत ही समीक्षात्मक तथा समारोही प्रोग्राम बनाने की ज़रूरत होती है। उदाहरण: x86 असेंबली, ARM असेंबली
  3. Low-level programming language (निम्न स्तर की प्रोग्रामिंग भाषा) – जो उपकरणों के स्तर पर चलने वाले सिस्टम के साथ सीधे जुड़े होते हैं। इन प्रोग्रामिंग भाषाओं में मशीन के नियंत्रण लचीले होते हैं। उदाहरण: मशीन भाषा तथा एसेम्बली लैंग्वेज आदि।

कंप्यूटर की पीढ़ी (generation of computer)

  1. पहली पीढ़ी (First Generation): पहली पीढ़ी कंप्यूटर 1940 और 1956 के बीच विकसित हुए। इन कंप्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब का उपयोग किया जाता था। इनमें प्रोग्राम और डेटा को पंच कार्ड, टेप और बटन द्वारा भेजा जाता था। इन कंप्यूटरों की स्पीड बहुत कम थी और उनकी मुख्य खासियत उनकी बड़ी आकार थी। इनमें शामिल हैं ENIAC, UNIVAC, IBM 701 आदि।
  2. दूसरी पीढ़ी (Second Generation): दूसरी पीढ़ी कंप्यूटर 1956 और 1963 के बीच विकसित हुए। इन कंप्यूटरों में ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाता था। इनमें प्रोग्राम और डेटा को पंच कार्ड या टेप के बजाय डिस्क मेमोरी में संग्रहित किया जाता था। इन कंप्यूटरों की स्पीड पहली पीढ़ी की तुलना में काफी बेहतर थी। इनमें शामिल हैं IBM 1401, IBM 7090, UNIVAC 1108 आदि।
  3. तीसरी पीढ़ी कंप्यूटर 1964 और 1971 के बीच विकसित हुए। इन कंप्यूटरों में IC (Integrated Circuit) का उपयोग किया जाता था जिससे कंप्यूटरों के आकार में कमी आई और उनकी स्पीड बढ़ गई। इन कंप्यूटरों का उपयोग बड़े व्यवसायों, सरकारी संस्थाओं और शैक्षणिक संस्थाओं में किया जाता था।ऑपरेटिंग सिस्टम, वर्ड प्रोसेसिंग, स्प्रेडशीट एवं डेटाबेस जैसे ऐप्लिकेशन सॉफ्टवेयरों का विकास हुआ।इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में IBM 360 और DEC PDP-8 शामिल थे।
  4. चौथी पीढ़ी कंप्यूटर 1971 से लेकर 1980 के दशक तक विकसित हुई। इस पीढ़ी के कंप्यूटर अधिकतर VLSI (Very Large Scale Integration) चिप्स का उपयोग करते थे जो पहली तीन पीढ़ियों की तुलना में बहुत अधिक क्षमता वाले थे। चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों में अधिकतर विशेषताएं पहले के कंप्यूटरों से बेहतर थीं। इनमें Personal Computer (PC), Supercomputer, Microcomputer और Workstation शामिल हैं। इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में कंप्यूटर भाषाओं में बहुत विकास हुआ था और High-Level Language का उपयोग और आसान हुआ था। इस पीढ़ी के कंप्यूटर ने संगणक की दुनिया को बहुत आसान बनाया था।
  5. कंप्यूटर की पांचवीं पीढ़ी 1980 के बाद विकसित हुई थी। इस पीढ़ी के कंप्यूटर अधिकतर अलग-अलग देशों द्वारा विकसित किए गए थे। इनमें जापान द्वारा विकसित किए गए Fifth Generation Computer Systems (FGCS) शामिल हैं। इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में एक नई प्रकार की तकनीकों जैसे Artificial Intelligence (AI), Expert Systems और Natural Language Processing (NLP) का उपयोग करते हुए कंप्यूटरों का विकास किया गया था। इन कंप्यूटरों में कंप्यूटर भाषाओं के लिए नई तकनीकों का उपयोग किया गया था। इनमें अधिकतर कंप्यूटर की स्क्रीन टच की जानकारी ली जाती थी।

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