ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है? | What is blockchain in hindi

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक डिजिटल लेजर है जो ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड करता है और इसे कई कंप्यूटरों पर संग्रहित करता है। इस तकनीक का मुख्य लक्ष्य इसे सुरक्षित बनाना होता है ताकि कोई व्यक्ति या संगठन इसमें बदलाव नहीं कर सकता है या इसे हैक नहीं कर सकता है।

ब्लॉकचेन एक प्रकार का डेटा बेस (database) होता है जो ब्लॉकों के रूप में संग्रहित होता है, जो अन्य ब्लॉकों के साथ जोड़कर एक बड़े चेन का निर्माण करते हैं। इसका उपयोग विभिन्न विषयों में किया जाता है, जैसे वित्तीय संचार, बैंकिंग, इंटरनेट सुरक्षा, इंटरनेट ऑटोमेशन और अन्य डिजिटल लेजर संबंधित कार्यों के लिए।

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में दुनियाभर के कंप्यूटरों को एक साथ काम करने की आवश्यकता होती है, जो इसे प्रतिस्थापित बनाता है। इस तरीके से, ब्लॉकचेन सुरक्षित, ट्रांजैक्शनल रिकॉर्ड रखने के लिए एक समूह के रूप में कार्य करता है।

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक Distributed Ledger Technology है।

Distributed Ledger Technology की विशेषताएँ

Distributed Ledger Technology (DLT) एक प्रौद्योगिकी है जो एक समूह के कंप्यूटरों पर एक समानता और सुरक्षित तरीके से डेटा को संग्रहीत करने की क्षमता प्रदान करती है। इसमें कुछ मुख्य विशेषताएं हैं, जो निम्नलिखित हैं:

  1. डेटा सुरक्षा: DLT में डेटा को सुरक्षित रखने के लिए क्रिप्टोग्राफी तकनीक का उपयोग किया जाता है। इस तरीके से, डेटा एक समूह के कंप्यूटरों में बिना किसी अनधिकृत दृष्टिकोण के संग्रहीत किया जाता है।
  2. डेटा अनुक्रमण: DLT में डेटा को अनुक्रमण वाले ब्लॉकों में संग्रहीत किया जाता है। यह अनुक्रमण नए ब्लॉक को जोड़ने वाले पूर्व ब्लॉक को सत्यापित करता है।
  3. नेटवर्क की सुरक्षा: DLT में डेटा सुरक्षित होता है क्योंकि यह एक डिस्ट्रीब्यूटेड सिस्टम होता है। इससे, कोई एक नोड कंप्रोमाइज होने पर भी डेटा सुरक्षित रहता है क्योंकि यह नेटवर्क के अन्य कंप्यूटरों में संग्रहीत होता है।
  4. खुलेपन: DLT नेटवर्क खुले स्रोत में उपलब्ध होता है। इसका मतलब है कि यह किसी भी उपयोगकर्ता द्वारा उपयोग किया जा सकता है

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इतिहास

  1. 2008: सतोशी नकामोटो नाम के व्यक्ति ने बिटकॉइन को संभावित बनाने वाली पहली पेपर जारी की।
  2. 2009: सतोशी नकामोटो ने बिटकॉइन के पहले ब्लॉक को खोजा और माइन किया। इससे बिटकॉइन का नेटवर्क शुरू हुआ।
  3. 2011: बिटकॉइन वॉलेट सॉफ्टवेयर कंपनी Coinbase द्वारा स्थापित की गई।
  4. 2013: ब्लॉकचेन पर आधारित अन्य क्रिप्टोकरेंसी जैसे Litecoin, Ripple और Ethereum जारी किए गए।
  5. 2015: ब्लॉकचेन पर आधारित एक अन्य प्लेटफॉर्म Ethereum जारी की गई जो स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट टेक्नोलॉजी को समर्थन करती है।
  6. 2017: बिटकॉइन का मूल्य 20,000 डॉलर के पार पहुंच गया। इससे पहले, बिटकॉइन के मूल्य कभी भी 1,000 डॉलर से अधिक नहीं था।
  7. 2017 – बिटकॉइन की मूल्य बढ़ने लगी और इससे एक नया क्रिप्टोकरेंसी बूम शुरू हुआ।

ब्लॉकचेन कैसे काम करता है?

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर होता है, जिसका उपयोग डेटा को सुरक्षित तरीके से संग्रहीत करने के लिए किया जाता है। यह एक लेजर होता है जिसमें संग्रहीत डेटा ब्लॉकों के रूप में संग्रहीत होता है। ब्लॉकचेन काम करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करता है:

  1. नए डेटा एंट्री – ब्लॉक जोड़ने से पहले नए डेटा एंट्री बनाई जाती है जो जोड़ा जाना है।
  2. डेटा वेरिफिकेशन – डेटा एंट्री को सत्यापित करने के लिए, पूरे नेटवर्क के ब्लॉकचेन नोड द्वारा डेटा की वैधता की जांच की जाती है।
  3. ब्लॉक बनाना – सत्यापित डेटा एंट्री के बाद, एक नया ब्लॉक बनाया जाता है, जो नए डेटा एंट्री और पिछले ब्लॉक के डेटा के संग्रह को संयुक्त करता है।
  4. ब्लॉक के संगठन – नए ब्लॉक में संग्रहित डेटा को निर्दिष्ट संरचना में व्यवस्थित किया जाता है, जिसमें शीर्षक, अद्यतन समय और दूसरी महत्वपूर्ण जानकारी

ब्लॉकचैन माइनिंग क्या है?

ब्लॉकचेन माइनिंग एक प्रक्रिया है जो नए ब्लॉकों को बनाने और ब्लॉकचेन नेटवर्क के लिए नए डेटा एंट्री को सत्यापित करने के लिए किया जाता है। यह एक विशेष प्रकार की क्रिप्टोग्राफिक पद्धति है जो डेटा को सुरक्षित करती है और नेटवर्क के ब्लॉकचेन को बनाने में मदद करती है।

ब्लॉकचेन माइनिंग शुरू करने के लिए, माइनरों को सर्वर और उपकरणों का उपयोग करके एक विशेष प्रकार की क्रिप्टोग्राफिक पद्धति का उपयोग करना होता है।

Consensus Algorithms क्या है?

Consensus Algorithms एक प्रकार का प्रोटोकॉल होता है जो ब्लॉकचेन नेटवर्क में विभिन्न नोड्स या उपयोगकर्ताओं के बीच सहमति या एकमतता बनाने में मदद करता है। यह सुनिश्चित करता है कि ब्लॉकचेन नेटवर्क के सभी सदस्य एक ही सत्य को स्वीकार करते हैं।

ब्लॉकचेन नेटवर्क में सहमति या एकमतता प्राप्त करने के लिए कुछ प्रमुख Consensus Algorithms निम्नलिखित हैं:

  1. Proof of Work (PoW): यह Consensus Algorithm ब्लॉकचेन के शुरूआती दिनों में सबसे लोकप्रिय था। PoW अपनी प्रक्रिया में संगठित श्रम का उपयोग करता है ताकि नए ब्लॉकों को सत्यापित किया जा सके।
  2. Proof of Stake (PoS): यह Consensus Algorithm समान रूप से प्रभावी है और इसमें अपनी स्थानांतरित मुद्रा के आधार पर संगठित नेटवर्क प्रतिष्ठापित किया जाता है। उपयोगकर्ताओं को नोड के रूप में पंजीकृत करना होता है और उनके पास एक स्थानांतरित मुद्रा होती है।
  3. Delegated Proof of Stake (DPoS): यह Consensus Algorithm PoS का एक उपसंस्करण होता है। इसमें उपयोगकर्ताओं की आवाज समान रूप से महत्वपूर्ण होती है

ब्लॉकचैन के प्रकार (Types of Blockchain)

ब्लॉकचेन के तीन प्रमुख प्रकार हैं:

  1. पब्लिक ब्लॉकचेन (Public Blockchain): यह ब्लॉकचेन सबसे ज्यादा प्रचलित होता है और सभी उपयोगकर्ताओं को खुला होता है। इसमें कोई भी उपयोगकर्ता नए ब्लॉकों को जोड़ सकता है और नए लेनदेनों को सत्यापित करने के लिए काम कर सकता है। बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी इस प्रकार के ब्लॉकचेन का उदाहरण है।
  2. प्राइवेट ब्लॉकचेन (Private Blockchain): यह ब्लॉकचेन केवल एक ही संगठन या समूह के लोगों के बीच उपयोग करने के लिए होता है। यह ब्लॉकचेन अधिक सुरक्षित होता है और केवल संगठन के अधिकारियों द्वारा लेनदेनों को सत्यापित करने की अनुमति होती है।
  3. हाइब्रिड ब्लॉकचेन (Hybrid Blockchain): यह ब्लॉकचेन दो या अधिक प्रकार के ब्लॉकचेनों के मिश्रण से बना होता है। इसमें एक प्रकार का ब्लॉकचेन पब्लिक होता है जबकि दूसरा प्रकार प्राइवेट होता है।

प्रमुख 10 ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म

  1. Bitcoin (BTC): बिटकॉइन दुनिया का सबसे पहला और सबसे लोकप्रिय ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म है।
  2. Ethereum (ETH): इथेरियम दूसरा सबसे लोकप्रिय ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म है जो स्मार्ट कंट्रैक्ट तकनीक के लिए जाना जाता है।
  3. Ripple (XRP): रिपल एक विशेष तरह का ब्लॉकचेन है जो बैंकों के बीच भुगतान के लिए उपयोग किया जाता है।
  4. Bitcoin Cash (BCH): बिटकॉइन कैश बिटकॉइन का फोर्क है जिसमें ब्लॉक का आकार बढ़ाया गया है ताकि लेनदेन की गति बढ़ सके।
  5. Litecoin (LTC): लाइटकॉइन एक अन्य प्रसिद्ध ब्लॉकचेन है जो बिटकॉइन की तुलना में तेजी से लेनदेन प्रसंस्करण के लिए उपयोग किया जाता है।
  6. Cardano (ADA): कार्डानो एक उच्च सुरक्षा ब्लॉकचेन है जिसमें स्मार्ट कंट्रैक्ट और डीएपी पर ध्यान दिया जाता है।
  7. Polkadot (DOT): पॉल्काडॉट एक अन्य लोकप्रिय ब्लॉकचेन है जो इंटरऑपरेबिलिटी के लिए जाना जाता है।

ब्लॉकचेन Technology के अनुप्रयोग

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के कई उपयोग हैं। निम्नलिखित हैं कुछ उदाहरण:

  1. Cryptocurrencies: ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का सबसे प्रसिद्ध उपयोग क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, इथेरियम आदि के लिए है।
  2. स्मार्ट कंट्रैक्ट्स: ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी स्मार्ट कंट्रैक्ट के लिए उपयोग किया जाता है जो स्वचालित रूप से संबंधित पार्टियों के बीच समझौतों पर आधारित होते हैं।
  3. स्वचालित व्यवस्थापन: ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को स्वचालित व्यवस्थापन के लिए भी उपयोग किया जाता है जैसे कि संचार सेवाओं, वाहन रखरखाव, स्वास्थ्य सेवाएं आदि।
  4. संपत्ति विवरण और संबंधित लेनदेनों का प्रबंधन: ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग संपत्ति और संबंधित लेनदेनों का प्रबंधन करने के लिए किया जाता है।
  5. लेखा परीक्षण: ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग लेखा परीक्षण के लिए भी किया जाता है।

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